तिश्नगी

तिश्नगी प्रीत है, रीत है, गीत है
तिश्नगी प्यास है, हार है, जीत है

Sunday 1 April 2012

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छंट गया रात का कालापन और गले मिली परछाई,
दूर किसी झुरमुट से रोशन बाला दिल में आई |
कुछ अधरों पर हँसी लिए और कुछ रख तोहफे में,
वो नादाँ तपस्वी के घर पैदल मिलने आयी ||

--------------------- "आशीष नैथानी/ हैदराबाद" ----------------------

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