भूलकर भी पत्थर से दिल न लगाये कोई,
मैं हूँ तन्हा इस तन्हाई को समझ पाये कोई |
मेरी हर बात, हर राज ज़माने को खबर,
कभी हमको भी राजदार बनाये कोई |
खुशियों में भी छलक पड़ती हैं आँखें 'ऐ दिल',
कुछ ऐसे ही हमको भी हँसाये कोई |
सुनते हैं निवाले से भी बढ़ता है इश्क का असर,
मेरी थाली से भी एक टुकड़ा खाए कोई |
एक तुम ही तो हो जो पोछते हो मेरे आँशु 'बादल',
भरी बरसात में सीने से लगाये कोई |
------------------------आशीष नैथानी 'सलिल'------------------------
मैं हूँ तन्हा इस तन्हाई को समझ पाये कोई |
मेरी हर बात, हर राज ज़माने को खबर,
कभी हमको भी राजदार बनाये कोई |
खुशियों में भी छलक पड़ती हैं आँखें 'ऐ दिल',
कुछ ऐसे ही हमको भी हँसाये कोई |
सुनते हैं निवाले से भी बढ़ता है इश्क का असर,
मेरी थाली से भी एक टुकड़ा खाए कोई |
एक तुम ही तो हो जो पोछते हो मेरे आँशु 'बादल',
भरी बरसात में सीने से लगाये कोई |
------------------------आशीष नैथानी 'सलिल'------------------------
maja aa gaya pata nahi tha app bhi likte ho
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