तिश्नगी

तिश्नगी प्रीत है, रीत है, गीत है
तिश्नगी प्यास है, हार है, जीत है

Saturday 24 November 2012

इस दफा इश्क आजमाया है !!!

रुख से परदा जो तुमने हटाया है,
दर-ए-दिल किसी ने खटकाया है ।

मेरी तकदीर है बुलन्दी पर,
जबसे हाथों में हाथ आया है ।

छोटी-छोटी हसीन बातों ने,
दिल में रूतबा बड़ा बनाया है ।

दे जहर-जाम-जखम, कुछ भी दे,
खुद को तेरी राह में बिछाया है ।

आजमाये हैं यूँ तो दर्द कई,
इस दफा इश्क आजमाया है ।

Saturday 17 November 2012

पहाड़ों पर सुबह !

हल्की ठण्डी हवा चलती है जब
ओंस की बूँद
गुलाब की पंखुड़ी पर अँगड़ाई लेती है

कोयलों का कलरव भी हो जाता है शुरू

सुथरे नीले अम्बर पर
पहाड़ों के कन्धों से
निकलता है सूरज सफर पर

पत्थरों की धमनियों में दौड़ने लगता है रक्त
माटी होने लगती है मुलायम
देवदार रगड़ता है हथेलियाँ

महीने की किताब का एक पन्ना पलट दिया जाता है
नया चटख पन्ना

पहाड़ों पर हर सुबह बड़ी हसीन होती है |