तिश्नगी

तिश्नगी प्रीत है, रीत है, गीत है
तिश्नगी प्यास है, हार है, जीत है

Friday 29 May 2015

पंछियों के घर लुटे और लोग बेघर हो गए !!

पंछियों के घर लुटे और लोग बेघर हो गए
ज़लज़ला आया तो ऐसा ख़ाब बंजर हो गए

घर बनाये ईंट, आँसू, ख़ाब, पत्थर जोड़कर
फिर से वापस ईंट, आँसू, ख़ाब, पत्थर हो गए

मिट गयी दौलत की दूरी, भेद जीवन-मृत्यु का
एक कम्पन से प्रजा-राजा बराबर हो गए

मंदिरों के बुत रहे ख़ामोश तो फिर यूँ हुआ
त्रासदी में फ़ौज के जांबाज़ ईश्वर हो गए

रम गए हैं खेल में, है नाम जिसका ज़िन्दगी
चंद साँसों के खिलौने जब मयस्सर हो गए

आशीष नैथानी 'सलिल' !!
हैदराबाद

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Friday 1 May 2015

दो नए शेर !!

मंदिरों के बुत रहे ख़ामोश सब कुछ देखते
त्रासदी में फ़ौज़ के जाँबाज़ ईश्वर हो गए |

रम गए इस खेल में हम नाम जिसका ज़िन्दगी
चंद साँसों के खिलौने जब मयस्सर हो गए ||

-आशीष नैथानी