तिश्नगी

तिश्नगी प्रीत है, रीत है, गीत है
तिश्नगी प्यास है, हार है, जीत है

Monday 2 April 2012

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मोहब्बत करते हो तो छुपाते क्यों हो ?
हो जाय खता तो बताते क्यों हो ?
तुम भी मिट्टी से बने हो और मैं भी हूँ खाक का,
जलते हो जख्मों से तो जलाते क्यों हो ??

------------------------"आशीष नैथानी/ हैदराबाद"---------------------------

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