तिश्नगी

तिश्नगी प्रीत है, रीत है, गीत है
तिश्नगी प्यास है, हार है, जीत है

Saturday 7 April 2012

गजल / अश्कों में कटी रात बात क्या है !

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अश्कों में कटी रात बात क्या है,
क्यों हो तन्हा ये जज्बात क्या है |


कौन होगा जो तुम्हे याद करे 'ऐ दिल'
किसी हसी के आगे तेरी औकात क्या है |


इश्क तो इश्क ही है फिर सरहद कैसी, 
उनका बस एक सवाल की तेरी जात क्या है |


कर भी लेंगे जो तौबा घर से उनकी खातिर,
कल वो फिर कह देंगे चलो घर "हैदराबाद" क्या है |
अश्कों में कटी रात बात क्या है ||
-------------------------- "आशीष नैथानी/ हैदराबाद" ----------------------------

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