तिश्नगी

तिश्नगी प्रीत है, रीत है, गीत है
तिश्नगी प्यास है, हार है, जीत है

Wednesday 4 April 2012

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मेरे हाथ में है गंगाजल, तेरे हाथ में शराब है,
मैं हो गया अमावास और वो माहताब है |
उनकी नजर उठी तो अदा-ए-हुस्न हो गयी,
और उठ गयी जो मेरी नजर तो नजर ख़राब है ||

-----------"आशीष नैथानी"/ "गढ़वाल"------------

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