--------------------------------------------------------------------------------
मेरे हाथ में है गंगाजल, तेरे हाथ में शराब है,
मैं हो गया अमावास और वो माहताब है |
उनकी नजर उठी तो अदा-ए-हुस्न हो गयी,
और उठ गयी जो मेरी नजर तो नजर ख़राब है ||
-----------"आशीष नैथानी"/ "गढ़वाल"------------
मेरे हाथ में है गंगाजल, तेरे हाथ में शराब है,
मैं हो गया अमावास और वो माहताब है |
उनकी नजर उठी तो अदा-ए-हुस्न हो गयी,
और उठ गयी जो मेरी नजर तो नजर ख़राब है ||
-----------"आशीष नैथानी"/ "गढ़वाल"------------
No comments:
Post a Comment