तिश्नगी

तिश्नगी प्रीत है, रीत है, गीत है
तिश्नगी प्यास है, हार है, जीत है

Sunday 1 April 2012

मेरा नन्हा देश


हाथों में लिये छेनी और छोटी सी हथौड़ी,

या उठाने की कोशिश किसी बड़े पत्थर को |

बस आठ-दस बरस में मिट्टी में घुलता संसार,

यही मेरा नन्हा सा देश, यही मेरा नन्हा सा प्यार ||  


कोई कूड़े के ढेर से बीनता खाली बोतलें,

तो कोई मूंगफली की ठेली पर तपता दिनभर,

कोई जूठे बर्तन मलकर भी खाता दुत्कार,

यही मेरा नन्हा सा देश, यही मेरा नन्हा सा प्यार ||  


कहीं हाथों में कटोरा लिये दर-दर भटकता बचपन,

कोई कंक्रीट के ढेर पर लिये माटी से चुम्बन |

कही कारखाने में जिंदगी को करता आर-पार,

यही मेरा नन्हा सा देश, यही मेरा नन्हा सा प्यार ||  


कहीं खुद नादाँ किसी नादाँ की हिफाजत करता,

कहीं तुलसी की माला बेच खुदा की जियारत करता |

जिंदगी खींचने को भूला खुद को, घर परिवार,

यही मेरा नन्हा सा देश, यही मेरा नन्हा सा प्यार ||  


छोटी सी आँखे मैली, मैला-मैला सा जामा,

छोटे से तन्हा दिल में बड़े खाबों का हंगामा |

कोई नहीं है ऐसा जो दे इन सपनों को भी आकार,

यही मेरा नन्हा सा देश, यही मेरा नन्हा सा प्यार |

यही मेरा नन्हा सा देश, यही मेरा नन्हा सा प्यार ||  

----------------------------"आशीष नैथानी/ हैदराबाद"----------------------------   

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