तिश्नगी

तिश्नगी प्रीत है, रीत है, गीत है
तिश्नगी प्यास है, हार है, जीत है

Sunday 8 April 2012

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माना कि मेरी शक्ल में तुम्हें मवाल दिखता है,
हर मौसम में मेरा बुरा हाल दिखता है |
और जब से की है तुमने बेवफाई मुझसे 'ऐ खुदा',
हर हसीं सूरत के पीछे जाल दिखता है ||

-------------------------"आशीष नैथानी/ हैदराबाद"-----------------------------
 


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