तिश्नगी

तिश्नगी प्रीत है, रीत है, गीत है
तिश्नगी प्यास है, हार है, जीत है

Thursday 26 September 2013

हिन्दी !

हिन्द की है शान हिन्दी
देश का अभिमान हिन्दी |

कौन कहता है कठिन ये
है बड़ी आसान हिन्दी |

अपनी भाषा, अपनी बोली
अपना ही उत्थान हिन्दी |

सूर्य के मानिंद उजली
है बड़ी अम्लान हिन्दी |

राष्ट्रभाषा है हमारी
दिल जिगर औ' जान हिन्दी |

अम्लान - जो उदास,मलिन या म्लान न हो / खिला हुआ

"हिन्दी वैभव मंडल, दिल्ली द्वारा प्रथम पुरस्कार से सम्मानित"


Friday 20 September 2013

बदलाव

शहद, धूप, छाँव, घाव
सब कुछ देखा है,
जिन्दगी ने
समय के सापेक्ष
बड़ा बदलाव देखा है |

जो नहीं समझते
इन्सान को इन्सान भी,
उनके घर में
विदेशी कुत्तों से
विशेष लगाव देखा है ||


तिश्नगी से...



Tuesday 17 September 2013

नई ग़ज़ल !

मुस्कुराना छोड़कर जाऊँ कहाँ |
आबो-दाना छोड़कर जाऊँ कहाँ ||

दिल लगाना छोड़कर जाऊँ कहाँ
ये फ़साना छोड़कर जाऊँ कहाँ ||

जिस ज़माने ने दिया सब कुछ मुझे
वो ज़माना छोड़कर जाऊँ कहाँ ||

धूप जंगल छाँव पानी औ' हवा
घर सुहाना छोड़कर जाऊँ कहाँ ||

छूट जाएँ गर ये सांसें ग़म नहीं
गीत-गाना छोड़कर जाऊँ कहाँ ||

ज़िंदगी के तल्ख़ रस्तों पर 'सलिल'
गुदगुदाना छोड़कर जाऊँ कहाँ ||