बादलों में भी जंग जारी है
क्या ख़बर कितनी बेकरारी है |
फिर सितारों पे तेरा नाम लिखा
फिर अकेले में शब गुजारी है |
उम्र कैसे कटेगी तेरे बगैर
उम्रभर सोचकर गुजारी है |
क़त्ल की पूछते हैं परिभाषा
ज़िन्दगी ज़िन्दगी से हारी है |
क्या ख़बर कितनी बेकरारी है |
फिर सितारों पे तेरा नाम लिखा
फिर अकेले में शब गुजारी है |
उम्र कैसे कटेगी तेरे बगैर
उम्रभर सोचकर गुजारी है |
क़त्ल की पूछते हैं परिभाषा
ज़िन्दगी ज़िन्दगी से हारी है |
No comments:
Post a Comment