तिश्नगी

तिश्नगी प्रीत है, रीत है, गीत है
तिश्नगी प्यास है, हार है, जीत है

Monday 10 March 2014

ग़ज़ल !!

राह में खतरे बड़े हैं
हमसफ़र पीछे पड़े हैं |

देख लेंगे हर मुसीबत
हौसले ज़िद पर अड़े हैं |

चार दिन की ज़िन्दगी और
रोते-धोते थोपड़े हैं |

जानते हैं जीत क्या है
जंग जो सैनिक लड़े हैं |

शोरगुल ऊँचे महल का
तन्हा-तन्हा झोपड़े हैं |

क्या हुआ आबोहवा को
फड़फड़ाते फेफड़े हैं |

छेड़ना मत, है सियासत
सब हैं मुर्दे सब गड़े हैं |

हर तरफ़ माहौल अच्छा
कितने झूटे आँकड़े हैं |

आलसी बेहोश हैं सब
होशवाले बस खड़े हैं |

                 आशीष नैथानी सलिल

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