तिश्नगी

तिश्नगी प्रीत है, रीत है, गीत है
तिश्नगी प्यास है, हार है, जीत है

Saturday, 27 August 2016

Ek sher !!

हर ज़र्रा आईने में
ख़ुद को सूरज लगता है

- आशीष नैथानी !!

1 comment:

  1. वाह, बहुत खूब. सही कहा.

    ReplyDelete