तिश्नगी

तिश्नगी प्रीत है, रीत है, गीत है
तिश्नगी प्यास है, हार है, जीत है

Wednesday, 25 February 2015

ग़ज़ल - या मुहब्बत का असर जाना है !!

लफ्ज़ तरही मुशायरे में कहीं एक ग़ज़ल यहाँ भी पढ़ी जा सकती है !

या मुहब्बत का असर जाना है
या ज़माने को सँवर जाना है

या तो जायेगी मिरी ख़ुद्दारी
या मिरे कांधों से सर जाना है

चाँद तारों को सुलाकर शब को
सुब्ह अम्बर से उतर जाना है

एक बच्चे की हँसी के ख़ातिर
वो डराये, मुझे डर जाना है

उसके हाथों की छुहन का जादू
वक़्त के साथ गुज़र जाना है

पिछले तूफ़ाँ में उड़े थे पंछी
अबके तूफ़ाँ में शजर जाना है

मौसमी चक्र बनाने के लिए
फूल-पत्तों को उतर जाना है

सरहदें अपनी परे रख हमको
“आज हर हद से गुजर जाना है ”

जिस्म मरता है फ़क़त इक ही बार
मौत हर दिन तुझे मर जाना है

आशीष नैथानी ‘सलिल’ 

Saturday, 21 February 2015

प्रेम के बाद प्रेम !!

प्रसिद्द कैरेबियाई कवि और लेखक डेरेक वॉल्कोट की कविता ‘Love After Love‘ का अनुवाद 

एक समय आएगा
जबकि आनन्द और उत्साह के साथ
तुम अपना अभिवादन करोगे
अपने ही द्वार पर
आईने के सामने
और दोनों मुस्कुराएंगे एक-दूसरे के स्वागत में
उससे कहो, आओ पास बैठो
कुछ खाने के लिए लो.

तुम पुनः अपने भीतर के उस अजनबी से प्रेम करोगे
उसके लिए शराब परोसो, रोटियाँ आगे बढाओ
उसे पुनः अपना दिल दे दो,
उस अजनबी को जिसने तुमसे ताउम्र प्रेम किया था
जिसे तुमने किसी और के लिए अनदेखा कर दिया
जो तुम्हें जानता है सबसे बेहतर.

अलमारियों में रखे प्रेम-पत्र बाहर निकाल फेंको
तमाम तस्वीरें, निराशा में लिखे हुए नोट्स  
आईने से अपनी यह सूरत उधेड़ डालो.
  
आराम से बैठो
और अपने इस अनमोल जीवन का जश्न करो.  

Love After Love - Derek Walcott
अनुवाद – आशीष नैथानी 


Wednesday, 18 February 2015

तज़ामीन # १

(जनाबे मुनव्वर राना साहब के शेर पर)

बरसात के संगीत में अल्फाज़ मिला दे
मुरझाए से पंखों में जो परवाज़ मिला दे
कुछ पास तो आज राज़ से कुछ राज़ मिला दे 
" बस तू मेरी आवाज़ से आवाज़ मिला दे 
फिर देख कि इस शहर में क्या हो नहीं सकता ||"