धरती पर नहीं होती अप्सराएँ |
अगर होती हैं
तो किसी के स्वप्न में
या किसी कलमकार की कोरी कल्पना में |
अगर वह अप्सरा होती
तो क्या जन्म से पहले ही मार दी जाती
माँ की कोख में ?
अगर वह अप्सरा होती
तो क्या इस तरह सरेराह फूँक दी जाती
तेज़ाब से ?
अगर वह अप्सरा होती
तो क्या काले शीशों के भीतर नोची-घसोटी जाती
कई भेड़ियों द्वारा ?
अगर वह अप्सरा होती
तो क्या उसे इतना मजबूर किया जाता
कि वह अपनी जान ही ले ले ?
नहीं, बिलकुल नहीं
वह अप्सरा नहीं है
कोई नहीं समझता उसे अप्सरा
उसे महज हाड-मांस का
एक पुतला समझा जाता है |
एक पुतला जिसे जब चाहो कंधे पर रख लो
जब चाहो हासिल कर लो
जब चाहो त्याग दो |
बस, और क्या...
कुछ शब्द कागज़ पर कितने सुहाते हैं
मसलन 'अप्सरा',
जो हकीकत में वैसे नहीं होते
जैसे होने चाहिए,
वाकई |
अगर होती हैं
तो किसी के स्वप्न में
या किसी कलमकार की कोरी कल्पना में |
अगर वह अप्सरा होती
तो क्या जन्म से पहले ही मार दी जाती
माँ की कोख में ?
अगर वह अप्सरा होती
तो क्या इस तरह सरेराह फूँक दी जाती
तेज़ाब से ?
अगर वह अप्सरा होती
तो क्या काले शीशों के भीतर नोची-घसोटी जाती
कई भेड़ियों द्वारा ?
अगर वह अप्सरा होती
तो क्या उसे इतना मजबूर किया जाता
कि वह अपनी जान ही ले ले ?
नहीं, बिलकुल नहीं
वह अप्सरा नहीं है
कोई नहीं समझता उसे अप्सरा
उसे महज हाड-मांस का
एक पुतला समझा जाता है |
एक पुतला जिसे जब चाहो कंधे पर रख लो
जब चाहो हासिल कर लो
जब चाहो त्याग दो |
बस, और क्या...
कुछ शब्द कागज़ पर कितने सुहाते हैं
मसलन 'अप्सरा',
जो हकीकत में वैसे नहीं होते
जैसे होने चाहिए,
वाकई |
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