तिश्नगी

तिश्नगी प्रीत है, रीत है, गीत है
तिश्नगी प्यास है, हार है, जीत है

Friday 20 September 2013

बदलाव

शहद, धूप, छाँव, घाव
सब कुछ देखा है,
जिन्दगी ने
समय के सापेक्ष
बड़ा बदलाव देखा है |

जो नहीं समझते
इन्सान को इन्सान भी,
उनके घर में
विदेशी कुत्तों से
विशेष लगाव देखा है ||


तिश्नगी से...



3 comments:

  1. वर्ड वेरिफिकेशन हटा दीजिये आशीष जी!

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  2. बढ़िया .....वर्ड वेरिफिकेशन हटा दीजिये आशीष जी!

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