तिश्नगी

तिश्नगी प्रीत है, रीत है, गीत है
तिश्नगी प्यास है, हार है, जीत है

Saturday 24 November 2012

इस दफा इश्क आजमाया है !!!

रुख से परदा जो तुमने हटाया है,
दर-ए-दिल किसी ने खटकाया है ।

मेरी तकदीर है बुलन्दी पर,
जबसे हाथों में हाथ आया है ।

छोटी-छोटी हसीन बातों ने,
दिल में रूतबा बड़ा बनाया है ।

दे जहर-जाम-जखम, कुछ भी दे,
खुद को तेरी राह में बिछाया है ।

आजमाये हैं यूँ तो दर्द कई,
इस दफा इश्क आजमाया है ।

No comments:

Post a Comment