तिश्नगी

तिश्नगी प्रीत है, रीत है, गीत है
तिश्नगी प्यास है, हार है, जीत है

Friday 4 May 2012

"इश्क में खतों का अपना जमाना होता था,
उन्हें मीलों दूर हमसे मिलने आना होता था |
जाने क्यों मेरी निगाह घूमकर उस ओर जाती है,
जिस ओर से डाकिये का अक्सर आना जाना होता था" ||
 
-------------------------------"आशीष नैथानी / हैदराबाद" ------------------------------

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