तिश्नगी

तिश्नगी प्रीत है, रीत है, गीत है
तिश्नगी प्यास है, हार है, जीत है

Friday, 24 August 2018

इंद्रधनुष

मेरे पास कुछ उदास पन्ने हैं
और तुम्हारे पास हैं बेशुमार रंगीन पेंसिलें
अब हमारे मिलने की जगह पर
एक इंद्रधनुष उग आना चाहिए

इंद्रधनुष, जो कि समन्दर पर बने पुल पर
किसी अंगूठी सा सज जाए
या कि कोई छल्ला
बादलों को आर-पार जाने के लिए

हमारे बाद,
न तुम्हारी रंगीन पेंसिलों में रंग ठहरे
न बाकी रहें मेरे पास कोरे पृष्ठ

रहे, तो बस ये इंद्रधनुष !

आशीष नैथानी !!


Wednesday, 15 August 2018

Jan Gan Man in Garhwali !!

"जन-गण-मन - गढ़वाली" 

नया ज़मना को भारत जै हो,  
जै हो पुरर्खों की थाती 

पंजाबी तेलुगु तमिल मराठी, 
भाषा छिन हमारी 
गढ़-कुमाऊं कश्मीर हमारो, 
अपणु कन्याकुमारी !

उख फौज्यूं की टुकड़ी, 
इख हौरी-पिंगली पुंगड़ी
हम सबूंकी जान बचांदी !

ज्ञान-विज्ञान को भारत जै हो, 
जै हो रंग-बिरंगा 

जै हो, जै हो, जै हो
जै जै जै जै जै हो !!

जै हिन्द !!

(आशीष नैथानी)