-------------------------------------------------------------------------------------
माना कि मेरी शक्ल में तुम्हें मवाल दिखता है,
हर मौसम में मेरा बुरा हाल दिखता है |
और जब से की है तुमने बेवफाई मुझसे 'ऐ खुदा',
हर हसीं सूरत के पीछे जाल दिखता है ||
माना कि मेरी शक्ल में तुम्हें मवाल दिखता है,
हर मौसम में मेरा बुरा हाल दिखता है |
और जब से की है तुमने बेवफाई मुझसे 'ऐ खुदा',
हर हसीं सूरत के पीछे जाल दिखता है ||
-------------------------"आशीष नैथानी/ हैदराबाद"-----------------------------
No comments:
Post a Comment