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मोहब्बत करते हो तो छुपाते क्यों हो ?
हो जाय खता तो बताते क्यों हो ?
तुम भी मिट्टी से बने हो और मैं भी हूँ खाक का,
जलते हो जख्मों से तो जलाते क्यों हो ??
------------------------"आशीष नैथानी/ हैदराबाद"---------------------------
मोहब्बत करते हो तो छुपाते क्यों हो ?
हो जाय खता तो बताते क्यों हो ?
तुम भी मिट्टी से बने हो और मैं भी हूँ खाक का,
जलते हो जख्मों से तो जलाते क्यों हो ??
------------------------"आशीष नैथानी/ हैदराबाद"---------------------------
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