मैं लेकर वरमाला
खड़ा रहूँगा,
और तुम आओगी ।
चुपके - चुपके,
दबे पाँव
साँकल खटकाओगी ।
सिर्फ मैं सुन पाऊँगा वो
खटखटाहट ।
जब कुछ जिम्मेदारियाँ
पूरी हो चुकी होंगी,
कुछ होंगी अधूरी
और
कुछ रिश्ते छूट जायेंगे ।
तुम थामकर हाथ मेरा
ले चलोगी साथ अपने,
बिना मेरी हामी के भी ।
प्राण तुम्हारे पास होंगे,
निर्जीव तन परिवार के
और नाम संसार के ।
फिर अपनी पलकों पर
मखमली चादर बिछाऊँगा मैं,
उस दिन,
मौत तुमको गुनगुनाऊँगा मैं ।
खड़ा रहूँगा,
और तुम आओगी ।
चुपके - चुपके,
दबे पाँव
साँकल खटकाओगी ।
सिर्फ मैं सुन पाऊँगा वो
खटखटाहट ।
जब कुछ जिम्मेदारियाँ
पूरी हो चुकी होंगी,
कुछ होंगी अधूरी
और
कुछ रिश्ते छूट जायेंगे ।
तुम थामकर हाथ मेरा
ले चलोगी साथ अपने,
बिना मेरी हामी के भी ।
प्राण तुम्हारे पास होंगे,
निर्जीव तन परिवार के
और नाम संसार के ।
फिर अपनी पलकों पर
मखमली चादर बिछाऊँगा मैं,
उस दिन,
मौत तुमको गुनगुनाऊँगा मैं ।
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