तिश्नगी

तिश्नगी प्रीत है, रीत है, गीत है
तिश्नगी प्यास है, हार है, जीत है

Friday, 1 May 2015

दो नए शेर !!

मंदिरों के बुत रहे ख़ामोश सब कुछ देखते
त्रासदी में फ़ौज़ के जाँबाज़ ईश्वर हो गए |

रम गए इस खेल में हम नाम जिसका ज़िन्दगी
चंद साँसों के खिलौने जब मयस्सर हो गए ||

-आशीष नैथानी 

3 comments:

  1. बहुत ही बेहतरीन भावपूर्ण ....

    ReplyDelete
  2. सुन्दर पंक्तियाँ

    ReplyDelete
  3. बहुत खूब ... साँसें मिलती रहें बस ...

    ReplyDelete