तिश्नगी
तिश्नगी
तिश्नगी प्रीत है, रीत है, गीत है
तिश्नगी प्यास है, हार है, जीत है
Thursday, 6 February 2014
कहानी
जब कहानी ख़त्म हो
तो तुम ताली न बजाओ
एकटक देखो मुझे
और खोजो उस नायक को
जो सिर्फ कहानी में रह गया |
2 comments:
संजय भास्कर
7 February 2014 at 03:13
सुन्दर प्रस्तुति।
Reply
Delete
Replies
आशीष नैथाऩी
8 June 2014 at 07:18
शुक्रिया संजय जी !! :)
Delete
Replies
Reply
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteशुक्रिया संजय जी !! :)
Delete