तुम लौट आओगे !
नहीं ! तुम नहीं लौटोगे
तुम लौट आओगे !
नहीं ! तुम नहीं लौटोगे
तुम लौट आओगे…..
गुलाब की एक-एक पंखुड़ी
तोड़कर पूछा मैंने ।
और फिर फ़ेंक दिया गुल
'सब बकवास है' कहकर,
जब बच गई थी
आख़िरी तीन पंखुड़ियाँ,
और मेरे लबों पर शब्द थे -
तुम लौट आओगे ।
-आशीष नैथानी 'सलिल'
हैदराबाद (अप्रैल,7/2013)
नहीं ! तुम नहीं लौटोगे
तुम लौट आओगे !
नहीं ! तुम नहीं लौटोगे
तुम लौट आओगे…..
गुलाब की एक-एक पंखुड़ी
तोड़कर पूछा मैंने ।
और फिर फ़ेंक दिया गुल
'सब बकवास है' कहकर,
जब बच गई थी
आख़िरी तीन पंखुड़ियाँ,
और मेरे लबों पर शब्द थे -
तुम लौट आओगे ।
-आशीष नैथानी 'सलिल'
हैदराबाद (अप्रैल,7/2013)
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