तिश्नगी

तिश्नगी प्रीत है, रीत है, गीत है
तिश्नगी प्यास है, हार है, जीत है

Thursday, 25 April 2013

तुम लौट आओगे !

तुम लौट आओगे !
नहीं ! तुम नहीं लौटोगे
तुम लौट आओगे !
नहीं ! तुम नहीं लौटोगे
तुम लौट आओगे…..

गुलाब की एक-एक पंखुड़ी
तोड़कर पूछा मैंने ।

और फिर फ़ेंक दिया गुल
'सब बकवास है' कहकर,
जब बच गई थी
आख़िरी तीन पंखुड़ियाँ,
और मेरे लबों पर शब्द थे -
तुम लौट आओगे ।

-आशीष नैथानी 'सलिल'
हैदराबाद (अप्रैल,7/2013)















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