तिश्नगी

तिश्नगी प्रीत है, रीत है, गीत है
तिश्नगी प्यास है, हार है, जीत है

Wednesday, 4 March 2015

होली में !!

तेरा मेरा भेद मिटा दें होली में
ये दुनिया रंगीन बना दें होली में

सुबह-सुबह आवाज़ पडोसी तक पहुँचे
सूने-सूने हर घर में दस्तक पहुँचे
मुठ्ठी भर-भर रंग लगाएँ जश्न करें
रंगीला त्यौहार मनाएँ जश्न करें |

गलियों में खुशबू बिखरा दें होली में
ये दुनिया रंगीन बना दें होली में ||

ढोल की थाप पे नाचें सब नर और नारी
मुँह ताके, सर पीटे नफ़रत बेचारी
रंग अबीर गुलाल उड़े बादल के संग
बच्चे युद्ध करें भर-भरकर पिचकारी |

शर्बत में कुछ भंग मिला दें होली में
ये दुनिया रंगीन बना दें होली में ||

क्या पूरब क्या पश्चिम क्या उत्तर-दक्षिण
दौलत साँसों की गुजरे घड़ियाँ गिन-गिन
गाँवों ने देखे हैं पतझड़ अपनों के
शहरों की सरहद पर मृत तन सपनों के |


गांवों को जीवन लौटा दें होली में
ये दुनिया रंगीन बना दें होली में ||

4 comments:

  1. रंगों के महापर्व होली की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शुक्रवार (06-03-2015) को "होली है भइ होली है" { चर्चा अंक-1909 } पर भी होगी।
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. सुन्दर रचना

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