तिश्नगी
तिश्नगी
तिश्नगी प्रीत है, रीत है, गीत है
तिश्नगी प्यास है, हार है, जीत है
Sunday, 27 October 2013
gajal
ऐ परिंदे ! शाम को फ़िर लौटकर आना है घर
इन दरख्तों से तेरी यूँ बेरुखी अच्छी नहीं ||
-- आशीष सलिल'
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